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भारत की करीब 5% आबादी किसी न किसी तरह की एलर्जी से पीड़ित है। एलर्जी के कारण पराग, धूल, फफूँद, खाद्य पदार्थ, पालतू जानवर या प्रदूषण तक ही सीमित नहीं हैं। जब शरीर का प्रतिरक्षी तंत्र आस-पास मौजूद सामान्य हानिरहित पदार्थों के प्रति संवेदनशील होने लगे तब भी एलर्जी हो सकती है। यहाँ एलर्जी के कुछ रूप बताए गए हैं। इनके बारे में भी आपको जानकारी होनी चाहिए।

दवाओं से होने वाली एलर्जी:

एलर्जी के अन्य प्रकारों की तरह ही दवाओं से एलर्जी तब होती है जब शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र दवाओं में मौजूद किसी हानिरहित पदार्थ के प्रति संवेदनशील हो जाए और उसे कोई हानिकारक बाहरी तत्व समझने की गलती करे। हालाँकि किसी दवा के दुष्प्रभाव और उससे एलर्जी, दोनों एकदम अलग-अलग बातें हैं। इन्हें एक समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। कुछ दवाएँ अन्य दवाओं की तुलना में ज़्यादा एलर्जी कर सकती हैं। इन दवाओं में-दर्दनिवारक दवाएँ, एंटीबायोटिक और नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ (एनएसएआईडी) सबसे ज़्यादा आम हैं। दवाओं से होने वाली एलर्जी की पहचान करना सबसे मुश्किल काम होता है ।

लेटेक्स से होने वाली एलर्जी:

लेटेक्स दूध जैसा तरल पदार्थ होता है, जो कई पौधों में पाया जाता है। इसे कई सामानों के निर्माण के दौरान लचीलापन लाने के लिए रसायनों के साथ मिलाया जाता है। रबर के पौधे से प्राप्त तरल से बनाए जाने वाला प्राकृतिक रबर लेटेक्स अधिकतर रबर के दस्तानों, कंडोम, रबर बैंड, इरेज़र, गुब्बारों और खिलौनों में मिलता है। लेटेक्स एलर्जी के लक्षण मामूली से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं, जो संपर्क के स्तर और पीड़ित व्यक्ति पर निर्भर करता है। इसके लक्षणों में खुजली, त्वचा का लाल होना, चकत्ते, छींक आना, नाक बहना, आँखों में जलन और सांस की घरघराहट या खांसी होते हैं । लेटेक्स से होने वाली एलर्जी जानलेवा तो शायद ही कभी होती है, लेकिन इससे ऐनाफ़लैक्सिस (anaphylaxis) या अतिसंवेदनशीलता की समस्या हो सकती है जो कि बहुत खतरनाक होती है।

कीड़ों से एलर्जी:

कीड़ों के काटने/डंक लगने से कई लोगों को हल्का दर्द या सूजन का अनुभव हो सकता है, लेकिन एलर्जिक व्यक्ति के लिए इसके दर्दनाक और गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कुछ चरम मामलों में तो इससे ऐनाफ़लैक्सिस जैसी समस्या भी हो सकती है जो जानलेवा होती है। मधुमक्खी, बर्र, ततैया, पीली ततैया और लाल चींटियाँ ऐसे कुछ आमतौर पर पाए जाने वाले कीड़े हैं, जिनके डंक एलर्जीकारक होते हैं। कीड़ों से होने वाली एलर्जी के आम लक्षणों में एलर्जी के अन्य प्रकारों की तरह ही त्वचा पर चकत्ते, खुजली, होंठों, जीभ और गले में सूजन, चक्कर आना, उल्टियाँ आदि शामिल हैं।

रासायनिक एलर्जी:

क्या आपकी मनपसंद फ़ेयरनेस क्रीम लगाने पर आपका चेहरा लाल और पपड़ीदार हो जाता है? क्या कपड़े धोने वाले डिटर्जेंट से आपके हाथों में खुजली या जलन होती है? अगर इसका जवाब हाँ है, तो मुमकिन है कि आपको रासायनिक एलर्जी है । इन पदार्थों की गंध बहुत अच्छी हो सकती है, ये त्वचा को रेशमी अहसास दे सकते हैं, लेकिन इनमें भारी मात्रा में रसायन होते हैं। रासायनिक एलर्जी के सबसे आम पाए जाने वाले लक्षणों में कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस (contact dermatitis) शामिल है, जो त्वचा की सतह पर लाल, खुजली वाले चकत्तों के रूप में दिखाई देता है। फफोले, आँखों और चेहरे की सूजन, तेज़ जलन, और फटी त्वचा जैसे अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।

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