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एलर्जी की पहचान और जाँच

एलर्जी अचानक हो सकती है जिससे त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं या अचानक लगातार छींकें आनी शुरू हो सकती हैं। एलर्जी है या नहीं, ये समझना किसी के लिए भी बहुत जटिल होता है क्योंकि इसके लिए लक्षणों पर नज़र रखनी पड़ती है और देखना होता है कि वे कितनी बार होते हैं और किस चीज़ से ये बढ़ते हैं या किस कारण से होते हैं। इन चीज़ों के बारे में सजग रहना ज़रूरी है, ताकि आप डॉक्टर को इनकी जानकारी दे सकें और वे जाँच करके आपकी एलर्जी का पता लगा सकें।

आमतौर पर एलर्जी की जाँचों की मदद से एलर्जिक रायनाइटिस, एलर्जिक दमा, डर्मेटाइटिस, खाद्य पदार्थों से होने वाली एलर्जी , पेनिसिलिन एलर्जी, मधुमक्खी के ज़हर से होने वाली एलर्जी, लेटेक्स एलर्जी के साथ-साथ एलर्जी के कई और प्रकारों का पता लगाया जाता है।

इससे पहले कि हम आपको अलग-अलग प्रकार की जाँचों के बारे में बताएँ, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इनमें से किसी भी टेस्ट को खुद करके न देखें। एलर्जी टेस्ट सिर्फ ऐसे योग्य पेशेवरों द्वारा किया जाना चाहिए, जिन्हें आपके लक्षणों और चिकित्सकीय इतिहास की गहरी जानकारी हो।

स्किन प्रिक टेस्टिंग (Skin prick testing)

स्किन प्रिक टेस्टिंग सबसे आम किये जाने वाले एलर्जी टेस्टों में से एक है। इस टेस्ट में आपकी बाजू या पीठ पर ऐसे तरल की एक बूँद डाली जाती है जिसमें एलर्जी बढ़ाने वाला तत्व मौजूद हो। इसके बाद उस बूँद के नीचे की त्वचा पर धीरे से चुभन दी जाती है, जो आपको नाखून से खरोंचे जाने जैसी महसूस होती है । अगर आपको उस चीज़ से एलर्जी है, तो 15 मिनट के अंदर वह जगह लाल हो जाएगी और उसमें खुजली होने लगेगी। सुनिश्चित करें कि आपने टेस्ट से पहले कोई गैर-नशीले एंटी-हिस्टामाइन जैसे फेक्सोफेनाडाइन, लोराटाडाइन आदि का सेवन न किया हो, क्योंकि ऐसा करने से टेस्टों के परिणाम में असर पड़ सकता है ।

खून की जाँच

ज़रूरत पड़ने पर, स्किन प्रिक टेस्ट के बदले या इसके साथ-साथ खून की जाँच भी की जा सकती है, ताकि एलर्जी का पता लगाया जा सके। आपके डॉक्टर आपके खून का एक नमूना लेकर उसे लैबोरेटरी में भेज देंगे। इसके बाद लैब में आपके खून के नमूने में एलर्जीकारक मिलाया जाएगा और आपका खून उस एलर्जीकारक पर हमला करने के लिए जितने एंटीबॉडी पैदा करेगा, उनकी गिनती की जाएगी।

पैच टेस्ट

पैच टेस्ट का इस्तेमाल ख़ास तौर पर एक तरह के एक्ज़िमा की जाँच-पड़ताल करने के लिए होता है, जिसे कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस (contact dermatitis) कहते हैं। डॉक्टर आपकी त्वचा पर थोड़ी मात्रा में शायद एलर्जीकारक रखेगा, उसे बैंडेज से ढकेगा और फिर 48 से 96 घंटे बाद आपके शरीर की प्रतिक्रिया जाँचेगा।

निराकरण आहार

अगर आपके डॉक्टर को शक हो कि आपको किसी ख़ास खाद्य पदार्थ से एलर्जी है तो वह आपको उसे न खाने की हिदायत दे सकता है, ताकि यह पता चल सके कि आपके लक्षणों में सुधार होता है या नहीं । कुछ हफ़्तों बाद आपको वही खाद्य पदार्थ फिर से लेने को कहा जा सकता है, ताकि यह पता चल सके कि आपके शरीर में उससे प्रतिक्रिया होती है या नहीं।

निगरानी चुनौती टेस्ट

कुछ मायनों में यह निराकरण आहार के ठीक उलट होता है। इस टेस्ट के दौरान आपको वह खाद्य पदार्थ दिया जाएगा जिसके बारे में आपको लगता है कि आपको उससे एलर्जी है। आपको यह खाद्य पदार्थ कड़ी निगरानी में लगातार बढ़ती हुई मात्रा में दिया जाएगा, ताकि आपके शरीर की प्रतिक्रिया देखी जा सके। यह टेस्ट जोखिम से भरा होता है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप गंभीर प्रतिक्रिया हो सकती है । हालाँकि यह खाद्य एलर्जियों का पता लगाने का सबसे सटीक तरीका है। यह टेस्ट हमेशा किसी ऐसे क्लीनिक में कराया जाता है, जहाँ कोई गंभीर प्रतिक्रिया होने पर उसका कारगर इलाज किया जा सके।

आज इतने सारे टेस्ट उपलब्ध होने के कारण यह बात ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि:

  • सिर्फ एक स्किन टेस्ट के पॉजिटिव परिणाम से किसी एलर्जी का पता नहीं चलता।
  • पॉजिटिव स्किन टेस्ट किसी एलर्जिक प्रतिक्रिया की गंभीरता के बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता है।
  • आमतौर पर नेगेटिव स्किन टेस्ट का मतलब है कि आपको एलर्जी नहीं है।
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