बच्चे अक्सर घर के अंदर और बाहर एलर्जी के भी शिकार होते हैं। आजकल के बच्चे कभी कुछ करते हैं, तो कभी कुछ। एक पल वे अपना होमवर्क कर रहे होते हैं तो अगले ही पल वे मैदान में पूरे जोश के साथ अपने खेल में डूबे होते हैं। ऐसे में एलर्जीकारक तत्वों और एलर्जी की प्रतिक्रियाओं का उन्हें जोखिम अधिक रहता ही है। अगर आपको इन एलर्जीकारक तत्वों की जानकारी होगी, तो आप ऐहतियाती कदम बेहतर तरीके से उठा सकेंगे।
बच्चों में एलर्जी होने का मुख्य कारण उनके प्रतिरक्षी तंत्र द्वारा फफूँद के बीजाणुओं, पेड़ों, घास या खरपतवार के पराग जैसे स्रोतों से मिलने वाले कुछ प्रोटीन के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता होती है। धूल, फफूँद, पालतू जानवरों के अलावा अन्य कई चीज़ों की वजह से ऐसा घर पर भी हो सकता है। यहाँ कुछ आम एलर्जीकारकों के बारे में बताया गया है,जो बच्चों में एलर्जी होने के कारण बनते हैं:
अगर आपके बच्चे को एलर्जी है, तो निम्न तरीके आज़माकर देखें:
पालतू जानवरों से होने वाली एलर्जी: बच्चों में पालतू जानवरों से होने वाली एलर्जी होना आम बात है। पालतू जानवरों से होने वाली एलर्जिक प्रतिक्रियाओं को पहचानने और उन्हें रोकने के तरीकों के बारे में ज़्यादा जानने के लिए पढ़िए:
धूल से होने वाली एलर्जी: अपने दैनिक जीवन में धूल से पूरी तरह से बच पाना तो असंभव है, लेकिन आप अपने घर पर अपने बच्चे के लिए कुछ उपाय ज़रूर कर सकते हैं। अधिक जानकारी पाएँ
फफूँद से एलर्जी: घर में सीलन-भरी जगहों की वजह से फफूँद पैदा हो सकती है। फफूँद से अपने बच्चे को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए अधिक जानकारी पाएँ:
पराग से होने वाली एलर्जी: अपने बच्चों को बाहर की दुनिया का ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा लेने में उनकी मदद करें। उन्हें पराग से संपर्क और उससे होने वाली प्रतिक्रिया को कम से कम करना सिखाएँ। अधिक जानकारी पाएँ:
फफूँद से होने वाली एलर्जी: बाहर की दुनिया बहुत सुंदर तो है, लेकिन उसमें फफूँद भी बहुत है। हालाँकि सिर्फ इस वजह से तो आप अपने बच्चे को प्रकृति से दूर रख नहीं सकते हैं? अपने बच्चे की इस तरह की एलर्जी को बढ़िया तरीके से रोकने के लिए अधिक जानकारी पाएँ: