फफूँद एक तरह की कवक है, जो घर के अंदर और बाहर सभी सामान्य जगहों पर मौजूद होती है। ये घर में अँधेरी और सीलनभरी जगहों जैसे रसोई, बाथरूम, अलमारी या सामान रखने की जगहों में फलते-फूलती है। सूखी फफूँद को हिलाने-डुलाने पर ये हवा में एलर्जीकारक बीजाणु छोड़ती है। इन बीजाणुओं के संपर्क में आने से एलर्जिक प्रतिक्रिया होती है। वसंत और पतझड़ की रातों में इन बीजाणुओं की संख्या सबसे ज़्यादा होती है, लेकिन घर के अंदर रहने वाले बीजाणु वर्ष भर प्रभावी रहते हैं।
फफूँद खाद्य पदार्थों पर भी पैदा हो सकती है। दरअसल ये खाद्य पदार्थों की सतह पर ही सबसे ज़्यादा दिखाई देती है। डबलरोटियों पर हरे धब्बे, चेडर चीज़ पर सफ़ेद धूल, या फलों पर मखमली गोले फफूँद ही होती है, जो खाने-पीने की हर वस्तु पर धीरे-धीरे पनपती है।
हम में से ज़्यादातर लोग दिन में कभी न कभी फफूँद के बीजाणुओं से भरी साँस लेते हैं, मगर हमें इससे कोई नुकसान नहीं पहुँचता, हालाँकि फफूँद की एलर्जी से पीड़ित लोगों को इससे परेशानी हो जाती है। कुछ लोगों को तो इन बीजाणुओं के हल्के से संपर्क से ही तुरंत एलर्जिक प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है।
फफूँद के हवा में मौजूद बीजाणुओं के साँस के साथ अंदर जाने से कुछ लोगों में एलर्जिक प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। इसके अलावा, फफूँद के स्रोत के सीधे संपर्क में आने से भी एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है।
फफूँद की एलर्जी के लक्षण लगभग दूसरी एलर्जी के लक्षणों जैसे ही होते हैं, जैसे साँस में घरघराहट, नाक बंद होना या बहना, आँखों में जलन, त्वचा पर चकत्ते, खाँसी और गले में ख़राश आदि । कुछ मामलों में फफूँद के संपर्क में आने पर दमा के लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं।
हालाँकि फफूँद के संपर्क से 100% बचाव करना असंभव है, फिर भी इससे होने वाली एलर्जी के जोखिम को कम से कम ज़रूर किया जा सकता है। इसके लिए आप सुनिश्चित करें कि आपका भोजन फफूँद वाला न हो। फफूँद लगने की जाँच करते समय अपने भोजन को सूंघना नहीं चाहिए क्योंकि इससे फफूँद के बीजाणु साँस में जा सकते हैं। अपने कमरे को सूखा और साफ़ रखें और अपने कमरे में नमी के स्तर को 50% से कम रखने की कोशिश करें। सुनिश्चित करें कि सभी कमरे, ख़ास तौर पर बाथरूम और रसोई, अच्छी तरह से हवादार हों। जहाँ भी ज़रूरत हो , वहाँ एग्ज़ॉस्ट का इस्तेमाल करें। घर में किसी भी तरह का लीकेज होने पर उसकी तुरंत मरम्मत करवाएँ और घर में जहाँ भी सीलन होती दिखाई दे, उसे हटा दें। नालियों से दूर रहें, और अपने घर के पाइपों पर भी नज़र रखें। घर में पुराने कागज़ या अख़बार जमा न करें। पुराने काग़ज़ों या अख़बारों को रद्दी में बेच दें, बाहर फेंक दें।