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इसमें कोई संदेह नहीं है कि अपने बच्चे को एलर्जी की तकलीफ़ झेलते देखना खुद तकलीफ़ झेलने के समान ही होता है।

बच्चे को एलर्जी तब होती है जब वह एलर्जीकारक स्रोतों के संपर्क में आता है और उसका शरीर गलती से इन स्रोतों को हानिकारक पदार्थ समझकर उन पर हमला करने के लिए हिस्टामाइन (histamine) छोड़ देता है। इस वजह से एलर्जी के लक्षण पैदा होते हैं।

बच्चे चाहे घर पर हों, स्कूल में हों, किसी दोस्त के घर पर हों, या फुटबॉल खेल रहे हों, उनके लिए इनडोर और आउटडोर मौसमी एलर्जीकारकों से पूरी तरह दूर तो रहना असंभव ही है। एलर्जी बढ़ाने वाले आम कारकों से उनका संपर्क कम से कम करने, उन्हें राहत पहुँचाने और एलर्जी के लक्षणों को रोकने के उपाय मौजूद हैं।

साथियों को बताकर रखें

बच्चे जब स्कूल में होते हैं, दोस्तों के साथ खेलते हैं या अपने दादा-दादी/नाना-नानी के पास रुकते हैं, तब आप एलर्जीकारकों की मौजूदगी पर काबू नहीं रख सकते हैं। आपके बच्चे के साथ नियमित संपर्क रखने वाले सभी व्यक्तियों को उसकी एलर्जी के बारे में बता दें, और साथ ही उन्हें यह जानकारी भी दे दें कि वे किस तरह से उसकी मदद कर सकते हैं।

एलर्जीकारक तत्वों को धो डालें

एलर्जीकारकों के संपर्क में आने के मौके कम से कम करने के लिए बच्चों को ये आदत डाल दें कि वो घर लौटते ही सबसे पहले अपना मुँह-हाथ धोएँ और गंदे कपड़े बदल डालें।

अपने बच्चे से बात करें

हम बच्चों को नासमझ समझते हैं, लेकिन दरअसल वे काफ़ी समझदार होते हैं। उनसे इस बारे में खुलकर बात करें कि कौन-सी चीज़ों से एलर्जी बढ़ सकती है। ऐसा बताने से उन्हें मालूम रहेगा कि कक्षा में, दोस्तों की संगत में, पालूत जानवरों के साथ खेलते समय उन्हें किस तरह से सावधानी बरतनी है।

बच्चों की एलर्जी के लक्षणों पर नज़र रखें

बच्चों को होने वाली एलर्जी के लक्षणों में नाक बहना, छींकें आना, आँखों में खुजली होना, उनमें पानी आना और गले में खराश होना शामिल हैं। इस आसान वर्कशीट के इस्तेमाल से अपने बच्चे के लक्षणों पर नज़र रखें, ताकि आप उसकी नाक बंद होने और छींकों के कारणों को बेहतर तरीके से समझ सकें।

अच्छी नींद

एलर्जी की वजह से नींद पर असर पड़ सकता है, दिन के समय थकान हो सकती है और स्कूल में बच्चे की पढ़ाई-लिखाई पर ख़राब असर पड़ सकता है। सुनिश्चित करें कि बच्चे को उसकी ज़रूरत के मुताबिक पूरा आराम मिले, ताकि वह हर काम बेहतरीन तरीके से कर सके।

बाहरी दुनिया को अपनाएँ

पेड़ों पर चढ़ना हो, या घास में लोटना - एलर्जी से पीड़ित बच्चे के लिए पराग और फफूँद के एलर्जीकारक बाहरी दुनिया को बहुत मुश्किलों भरा बना सकते हैं। आउटडोर एलर्जी से निपटने के बारे में ज़्यादा जानकारी पाने के लिए इस वेबसाइट पर 'अपनी एलर्जी को जानें' टैब देखें।

इनडोर एलर्जी रोकने के उपाय

चाहे घर हो, स्कूल हो या किसी दोस्त का घर, इन सभी जगहों पर इनडोर एलर्जी बढ़ाने वाले काफ़ी कारक मौजूद होते हैं। इनडोर एलर्जी रोकने के उपायों के बारे में ज़्यादा जानकारी पाने के लिए इस वेबसाइट पर 'अपनी एलर्जी के बारे में जानें' टैब देखें।

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