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आजकल के माता-पिताओं को बहुत सारी जानकारी होती है। हम भी लोगों को जागरूक बनने को प्रेरित करते हैं। हालाँकि आज के समय, ज़रूरत से ज़्यादा जानकारी होना भी नुकसानदेह हो सकता है। हमें यह पता होना चाहिए कि कितनी जानकारी हमारे लिए काम की है, और कहाँ हमें रुक जाना चाहिए।

एलर्जी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इस कारण माता-पिता बच्चों में एलर्जी के लक्षणों से परिचित होने लगे हैं। दुर्भाग्य की बात है कि बच्चों में एलर्जी के लक्षण आसानी से नहीं दिखाई पड़ते। गंभीर एलर्जी के मामलों में तो अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आ ही जाती है, लेकिन सामान्य एलर्जी के मामलों में भी पहचानने में भूल हो जाती है। छींक, त्वचा पर चकत्ते, आँखों में पानी आने जैसे सामान्य एलर्जी के लक्षणों को एलर्जी के बजाय कुछ और ही समझ लिया जाता है। अगर आपको बच्चे में एलर्जी का ज़रा-सा भी शक हो तो उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। ऐसे में डॉक्टर को बताने के लिए आपके पास कुछ जानकारी हो तो डॉक्टर को भी एलर्जी की पहचान करने में मदद मिलेगी। इसके लिए यहाँ बताई गई बातों का ध्यान रखें।

रक्षात्मक उपायों से बच्चों को एलर्जी से राहत मिलती है

अपने डॉक्टर को इनके बारे में बताएँ

लक्षणों के प्रकार (छींकना, खांसना, आदि)

आपके बच्चे पर लक्षणों का दैनिक असर

लक्षणों में बदलाव

लक्षण दिखाई देने का समय

लक्षणों की गंभीरता

पहली बार लक्षण दिखाई देने का समय

परिवार में एलर्जी का इतिहास

अपने डॉक्टर से इनके बारे में पूछें

बच्चों में एलर्जी की पहचान करना

एलर्जीकारक तत्वों का असर

बच्चों में बार-बार एलर्जी होना

एलर्जी की अवधि

एलर्जी का स्थायी हो जाना

एलर्जी से छुटकारा पाने के लिए घर में किए जाने वाले बदलाव

एलर्जी को रोकने वाली नशा-रहित दवाएँ